हमारे बारे में

Image Here
स्विफ्ट के बारे में

व्यापार सुविधा के लिए एकल खिड़की इंटरफ़ेस

“ईज़.ऑफ.डूइंग.बिज़्नेस”.पहल के अंतर्गत, केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड, भारत सरकार ने सीमा पार व्यापार को सुविधाजनक बनाने हेतु एकल खिड्की परियोजना का कार्यान्वत शुरु किया है। “भारतीय सीमा शुल्क एकल खिड़की”, आयातकों और निर्यातकों को, एक ही बिंदु पर अपनी मंजूरी दस्तावेजों को ऑनलाइन दर्ज कराने की सुविधा प्रदान करेगी। अन्य नियामक एजेंसियों से यदि कोई अनुमति की आवश्यकता हो, तो व्यापारियों को इन एजेंसियों से व्यक्तिगत संपर्क के बिना उनके पास से ऑनलाइन प्राप्त किये जा सकेंगे। व्यापार सुविधा के लिए एकल खिड़की इंटरफ़ेस (स्विफ्ट), सरकारी एजेंसियों के साथ इंटरफेस, प्रवास समय और व्यापार करने की लागत को कम करेगा। सीबीईसी पहले ही सीमा शुल्क निकासी प्रक्रियाओं को स्वचालित करने और सभी एजेंसियों के साथ इलेक्ट्रॉनिक डाटा आदान-प्रदान करने वाली प्रमुख परियोजनाओं को क्रियांवित कर चुका है। स्विफ्ट प्राकृतिक रूप से अगला कदम है। स्विफ्ट का उद्देश्य सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ एवं डिजिटल भारत’ जैसे प्रमुख कार्यक्रमों के समन्वय में हैं।

  1. भारत में प्रमुख आयात नियामक एजेंसियां जो वर्तमान खेप के लिये आयात पश्चात मंजूरी या 'अनापत्ति प्रमाणपत्र ' जारी करती हैं, उन्हे प्रभावी रूप से 01 अप्रैल, 2016 को एकल आयात घोषणापत्र एवं ऑनलाइन निकासी की सुविधा के दायरे में लाया गया है। वनस्पति संगरोध सूचना प्रणाली, भारतीय खाघ संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफ एस एस ए आई), औषध महानियंत्रक, वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो, वस्त्र समिति, पशु संगरोध एवं प्रमाणन सेवा, वे प्रमुख छ: एजेंसियां हैं जिनकी सीमा शुल्क समाशोधन के ज्यादातर मामलों में अनापत्ति प्रमाण पत्र कि आवश्यकता पडती है।
  2. एकल आयात घोषणापत्र या एकिकृत घोषणापत्र के क्रियांवन के पश्चात, सभी आयात नियामक सम्बंधी सूचना आवश्यकताओं के लिये अप्रैल 1, 2016 से विभिन्न सरकारी एजेंसियों के लिये आवश्यक सूचनायें एकल प्रवेश बिंदु यानि सीमा शुल्क गेटवे (ICEGATE) पर एकिकृत की जायेंगी। विभिन्न एजेंसियो द्वारा मांगे जाने वाले विभिन्न आवेदन पत्रों को हटा दिया गया है। सीमा शुल्क एवं अन्य प्रतिभागी सरकारी एजेंसियों द्वारा मांगी गयी सूचनायें स्वचालित रूप से बिना मानवीय हस्तक्षेप के अनापत्ति प्रमाण पत्र/समाशोधन के लिये अनुमार्गित की जायेंगी।
  3. यह सीमा शुल्क आईटी प्रणाली को मापदंडो के अनुसार, जोखिम आयात माल की आवश्यक मंजूरी प्रतिभागी सरकारी एजेंसियों से स्वत: पहचान करने में भी सक्षम बनाता है। यह प्रणाली नमूने लेने, निरीक्षण, सीमा शुल्क को प्रत्यायोजन आदि के लिये मैनुअल निर्देशों को हटाकर स्वत: निर्देशन देती है।
  4. एकल खिड्की प्रणाली व्यापार सुविधा हेतु देश के प्रवेश और निकास के बिंदुओं पर माल निकासी के लिए एक महत्वपूर्ण कार्यान्वयन है। आयात और निर्यात प्रक्रिया में दक्षता, व्यापार संबंधी लागत तथा देरी में कमी लाकर, आयातकों एवं निर्यातकों का बहुत मात्रा में व्यय बचाएगी। प्रतिभागी सरकारी एजेंसियों को उनके मानक संचालन प्रक्रिया और समय सीमा को प्रकाशित करने का निर्देश देकर, मंत्रिमडंल सचिव की अध्यक्षता की सचिवों की समिति ने सभी नियामक एजेंसियों के लिये मानक एवं लक्ष्य निर्धारित किये है। एजेंसियों एवं औद्योगिक हितधारकों, बंदरगाहों आदि के सामंजस्य पूर्वक कार्य हेतु, केंद्रिय एवं ज़ोनल स्तर पर सीमा शुल्क समाशोधन सुगमिकरण समितियों की स्थापना की गयी है जो कि माल के आयात निर्यात हेतु ज़रूरी दस्तावेज़ों और अंतरएजेंसी प्रक्रियाओं को सरल और सुप्रवाही बनाएंगी।
  5. भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्रधिकरण और भारतीय औषध महानियंत्रक जैसी एजेंसियाँ हर खेप का निरीक्षण और परीक्षण करने की बजाय,जोखिम आधारित चयनात्मक प्रणाली का पालन करती हैं। 1 अप्रैल, 2016 से एकल खिड्की, जोखिम आधारित चयनात्मक निरीक्षण और परीक्षण से कार्यांवित है। इसके लिये, सीमा शुल्क जोखिम प्रबंधन प्रणाली (RMS) सॉफ्टवेयर को अतिरिक्त विषेशताओँ को शामिल करने के लिये अद्यतन किया गया है।
  6. एकल खिड्की परियोजना मानवीय हस्तक्षेप को घटाकर एवं पार्दर्शिता को बढाकर, अन्य सरकारी एजेंसियोँ द्वारा लिया जाने वाला समाशोधन समय घटा देती है। खेपों के आयात और निर्यात की जोखिम आधारित चयन प्रणाली को लाने से, सभी प्रतिभागी एजेंसियां उच्च जोखिम खेपों पर केंद्रित होकर निम्न जोखिम खेपों के समाशोधन को सुगम बनायेंगी। व्यापारियों को सहायक दस्तावेज़ोंएवं प्रिंट आउट के डिजिटली हस्ताक्षरित इलेक्ट्रॉनिक संस्करण प्रस्तुत करने की अनुमति देकर हार्ड कॉपी प्रलेखन को समाप्त करने की प्रक्रिया प्रगति पर है।
  7. व्यापार और औद्योगिक हितधारकों ने परियोजना के प्ररम्भिक दौर में अपना मूल्यवान मार्गदर्शन देकर SWIFT की सफलता में सक्रिय योगदान दिया है। चूंकि SWIFT, कार्गो उद्योग द्वारा संचालित आईटी साधनों में बदलाव चाह्ता था, इसलिये उद्योगों ने प्ररम्भिक स्तर पर ही अपने अपने आईटी सेवा प्रदाताओं से सहभागिता की। इसने SWIFT के समयानुकूलित प्रमोचन में कार्गो उद्योगों की तरफ से उच्च स्तर की तत्परता में सहायता की। SWIFT के प्रमोचन के तत्पश्चात औद्योगिक प्रतिभागियोँ ने सभी प्रतिभागियोँ के साथ रीयल टाइम में समस्याओँ को रिपोर्ट करने एवं समाधानों को तुरंत प्रसारित करने के लिये सोशल मीडीया का प्रभावी ढंग से उपयोग किया। उद्योग के एकल खिड़की का विभिन्न विनियामक प्राधिकरणों का एकल इंटरफेस होना एक आकर्षक संकल्पना है। इसलिये उद्योगों ने इसका स्वागतकिया है। SWIFT के क्रियान्वन में सीमा शुल्क और व्यापार का घनिष्ट समन्वय था। परियोजना टीम एवं व्यापार के बीच निरंतर एवं खुला संवाद था। परियोजना में त्वरित संवाद, प्रतिक्रिया एवं सकारात्मकता को बनाये रखने के लिये सोशल मीडीया का प्रभावी रूप से उपयोग किया गया। ज़्यादातर, समस्याओं को एक सहयोग की भावना एवं सद्भावीय वातावरण में हल किया गया। शायद यह सब भी एक नया अनुभव है।
  8. एकल खिड़की, विभाग द्वारा किया गया एकीकरण का अब तक का सबसे जटिल प्रयास है। एकल खिड़की एवं एकीकृत घोषणापत्र के प्रमोचन के लिये, विभिन्न सरकारी विभागों एवं निजि क्षेत्र की एजेंसियों की प्रणालियों को परिवर्तित किया गया। एकल खिड़की को निर्यात में भी विस्तारित किया जायेगा।
  9. आयातकों की कुछ श्रेणियों को सीमा शुल्क के स्थगित भुगतान के लिये सक्षम बनाने के लिये, सीमाशुल्क, 1962 अधिनियम को संशोधित करने के लिये बजट 2016 में प्रस्तावित बदलाव, समाशोधन को गति प्रदान करेंगे। “डाएरेक्ट पोर्ट डेलिवेरी” जिसके अंतर्गत बिना कंटेनरों को पास के कंटेनर फ्रेट स्टेशन पर ले जाये कंटेनर टर्मिनलों से सीधे वेयरहाउस ले जाया जा सकता है, को लागू करने के लिये काम चल रहा है। इस व्यवस्था में आने के लिये सभी एजेंसियों जैसे बंदर्गाहों, शिपिंग लाइनों और आयातकों एवम निर्यातकों समेत सभी को साथ मिलकर काम करना पडेगा। जबकि व्यक्तिगत एजेंसियां कारगो समाशोधन में आने वाली बाधाओं को मुद्दागत तरीके से सम्बोधित कर रही हैं, एकल खिड़की से एक बड़ा सक्रिय बदलाव आयेगा क्युंकी यह सभी हितधारकों के सफल सामूहिक प्रयासों को दर्शाता है।